वैदिक सूक्तों का अर्थ एवं महत्व
आधुनिक व्यस्तता के समय में व्यक्ति भौतिक जीवन में शीघ्र सफलता एवं अपने सकल विघ्नों से पार पाने के लिए न जाने कौन कौन से उपाय खोजता और करता या…
आधुनिक व्यस्तता के समय में व्यक्ति भौतिक जीवन में शीघ्र सफलता एवं अपने सकल विघ्नों से पार पाने के लिए न जाने कौन कौन से उपाय खोजता और करता या…
!!जय माँ भवानी!! प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम्! तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम्!! लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च! सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्!! नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम्! एकादशं…
!!जय माँ भवानी!! वन्दे शम्भुमुमापतिं सुरगुरुं वन्दे जगत्कारणम्, वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं वन्दे पशूनां पतिम्! वन्दे सूर्यशशाङ्कवह्निनयनं वन्दे मुकुन्दप्रियम्, वन्दे भक्तजनाश्रयं च वरदं वन्दे शिवं शङ्करम्!! आज 6-7-2020, श्रावण मास कृष्ण…
!!जय माँ भवानी!! निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान! तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान!! आप सभी को आज 30-6-2020, आषाढ़ शुक्ल दशमी, दिन मंगलवार की मंगल…
!!जय माँ भवानी!! श्री वराहमिहिर जी द्वारा बृहतसंहिता में लिखा गया है कि- मिथुने प्रवरागमना नृपा नृपमात्रा बलिन: कलाविद:! यमुनातटजा: सबाह्लिका मत्स्या: सुह्यजनै: समन्वित:!! इस श्लोक का अर्थ यह है…
!!जय माँ भवानी!! नीलद्युति शूलधरं किरीटिनम् गृध्रस्थितं त्रासकरं धनुर्धरम्! चतुर्भुजम् सूर्यसुतं प्रशान्तं वन्दे सद् अभीष्टकरं वरेण्यम्!! नीलान्जनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम, छाया मार्तण्ड सं भभूतं तं नमामि शनैश्चरम्! नमस्ते कोणसंस्थाय, पिंगलाय नमोस्तुते!!…